Modernity perception in the stories of Ramswaroop Kisan's collection 'Barik Baat'

रामस्वरूप किसान के ’बारीक बात’ संग्रह की कहानियों में आधुनिकता बोध

Authors

  • Mahendra Jakhar Research Scholar, Hindi Department, University of Rajasthan, Jaipur

DOI:

https://doi.org/10.53573/rhimrj.2024.v11n2.015

Keywords:

Gyanamluvatkaru modernity perception, exploitation, food provider, black marketing, modernization

Abstract

Modernity means newness. This newness is indicative of the newness of thoughts, which constantly progresses in our thoughts as a dynamic process. Modernity began in the 18th century in the West as a result of industrialization, capitalist system, existentialist philosophy and two world wars, which arrived in India in the beginning of the 20th century. What we call the modern era, we realized it with the combination of the philosophical concepts of Darwin, Freud, Marx, Kant and Sartre. This perception raised the question of human freedom and creativity of language afresh and also presented a new challenge to the writers of the modern era.

Abstract in Hindi Language: आधुनिकता का अभिप्राय है नयापन। यह नयापन विचारों के नयेपन का द्योतक है, जो निरंतर हमारे विचारों में गतिशील प्रक्रिया के रूप में अग्रसर होता है। आधुनिकता का आरंभ 18वीं शताब्दी में औद्योगीकीकरण, पूँजीवादी व्यवस्था, अस्तित्ववादी दर्शन और दो-दो महायुद्धों के परिणाम स्वरूप पश्चिम में हुआ जिसका भारत में आगमन 20वीं शताब्दी के आरंभ में हुआ। जिसे हम आधुनिक काल कहते हैं, उसका बोध हमें डार्विन, फ्रायड, माक्र्स, काण्ट और सार्त्त  की दार्शनिक अवधारणाओं के संयोग से हुआ। इस बोध ने मनुष्य की स्वतंत्रता और भाषा की सर्जनात्मकता के सवाल को नये सिरे से उठाया और आधुनिक काल के रचनाकारों के समक्ष नयी चुनौती भी प्रस्तुत की।

Keywords: ज्ञमलूवतकरू आधुनिकता बोध, शोषण, अन्नदाता, कालाबाजारी, आधुनिकीकरण।

References

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किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि , पृ. 10

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 11

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 13

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 9

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 13

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 32

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 66

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 6

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 6

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 6

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 8

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 55

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 112

किसान, रामस्वरूप (2015) बारीक बात, जयपुर : बोधि प्रकाशन, पृ. 99

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Published

2024-02-29

How to Cite

Jakhar, M. (2024). Modernity perception in the stories of Ramswaroop Kisan’s collection ’Barik Baat’: रामस्वरूप किसान के ’बारीक बात’ संग्रह की कहानियों में आधुनिकता बोध. RESEARCH HUB International Multidisciplinary Research Journal, 11(2), 84–88. https://doi.org/10.53573/rhimrj.2024.v11n2.015